दीवान परिवार अफरीद वालों के माताश्री के निमित्त आयोजित भागवत कथा ,श्रीमद भागवत कथा में श्रीकृष्ण- रुक्मिणी विवाह का सुनाया प्रसंग,,

चांपा.नगर के रेलवे स्टेशन स्थित शांति नगर में गौरवग्राम ग्राम अफरीद केसुप्रतिष्ठित श्रीमती कमला दीवान के वार्षिक श्राद्ध निमित्त श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन निजनिवास में रखा गया है जिसमे कथा वाचक आचार्य श्री पद्मेश शर्मा है।शनिवार 6 जनवरी को श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा में भगवान श्री कृष्ण-रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया गया. भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी का जीवंत वेश धारण किए हर्षवर्धन धर दीवान उनकी धर्मपत्नी अल्पना दीवान पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत कर विवाह के मंगल गीत गाकर नृत्य किया.मुख्य यजमान श्रीमती संगीता-बंशीधर दीवान एवं श्रीमती अनिता विनय धर दीवान ने बताया कि उनके निवास पर श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा के व्यासपीठ पं शर्मा ने श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण की कई लीलाओं के बारे में वर्णन करते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं को कथा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी.रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया. रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था.रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए. तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया. कथा के अंतिम चरण में रविवार 7 जनवरी को भगवान श्री कृष्ण और सुदामा का प्रसंग सुनाया गया.वहीं सजीव झांकियां भी सजाई गई. इस दौरान श्रद्धालुओं को धार्मिक भजनों पर नृत्य करते व जयकारे लगाते हुए भी देखा गया. जिससे माहौल धर्ममय हो गया.इस दौरान बड़ी संख्या में नगरवासी एवं भगवतवृन्द कथा श्रवण हेतु कथा स्थल पहुँच कर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं.
