नितेश विरानी के मौत पर परिजनो ने लगाए जेल प्रशासन पर प्रतार्रणा का आरोप ,,,की प्रशासन से न्यायिक जांच की मांग ,,,जेल अभिरक्षा में हुई थी मौत ,,,,,

नितेश विरानी को जिस मामले में आरोपी बनाया गया था वह संपूर्ण लेनदेन प्रक्रिया में गवाह था उसके बाद भी उसे मुख्य आरोपियों के रूप में एफआईआर दर्ज किया गया, परिजनों ने जेल प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए मांग की है परिजनों का कहना है कि जब वो दो रोज पूर्व जेल में नितेश से भेंट करने गए थे तब वह बिल्कुल स्वस्थ्य था, अचानक मृत्यु को लेकर परिजन संदेह व् हैं, परिजनों ने मामले में जेल प्रशासन की प्रताड़ना से हुई मौत पर उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।
परिजनों ने निम्न बिंदुओं पर जांच की मांग की है –
1,जेल अभिरक्षा में प्रताड़ना से मौत कैसे हुई,2, ईलाज के दौरान नितेश के शरीर में चोटों के निशान किन परिस्थितियों में कैसे हुई, 3,बीमारी की सूचना जेल प्रशासन द्वारा परिजनों को क्यों नहीं दी ,जिला अस्पताल में भर्ती की सूचना बाहरी लोगों से प्राप्त हुई, 4,जेल प्रशासन की प्रताड़ना से युवक द्वारा निरंतर अपने बिगड़ी तबियत की एवं बेचैनी की जानकारी बैरक में तैनात सुरक्षा व्यवस्था पहरी को दी जाती रही है ईसके बाद भी समय में उपचार ईलाज में कोताही बरती गई, 5,जिला अस्पताल में भी समुचित ईलाज की सुविधा नहीं मिली, जिला अस्पताल में डिस्चार्ज के बाद भी बीमार व्यक्ति के उपचार छोड़ कागजी कार्यवाही के लिए 3 घंटे तक विलंब किया गया। जेल प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल से डिस्चार्ज उपरांत पुनः कागजी कार्यवाही के लिए पुनः एम्बुलेंस को जेल बुलाकर प्रताड़ना दी गई, पुलिस/जेल प्रशासन की संपूर्ण कार्यवाही पर सभी तथ्यों पर बारिकी से न्यायिक जांच की जाये, संपूर्ण घटना चक्र का वीडियो फुटेज, डॉक्टरी जांच विवरण एवं पोस्टमार्टम की रिपोर्ट परिजनों को सौंपा जाये, शव परिजनों को सौंपे जाने पर विलंब और उपस्थित पुलिसकर्मियों द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार, सिंधु समाज ने की आश्रितों को मुआवजे व बेटियों की शिक्षा मांग की है।

