19 मई में शनि जन्मोत्सव पर करे भगवान शनि देव की आराधना ,,पढ़े कौन सा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है,,,

✍🏻धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव न्यायप्रिय देवता हैं, शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र माने जाते हैं, वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि को पापी ग्रह माना जाता है ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार शनिग्रह सबसे धीमी चाल चलने बाले ग्रह है, जिसको शनि की ढैय्या कहा जाता है आइए जानते हैं कि शनि जन्मोत्सव पर कौन सा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है…शनि जन्मोत्सव इस बार 19 मई 2023 यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या के कृष्ण पक्ष के दिन मनाई जाती है, इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत का त्योहार भी मनाया जाएगा ये तीनों ही त्योहार एक ही दिन में पड़ रहे हैं, शनि जयंती का अर्थ है शनिदेव का जन्मदिवस, सूर्य के पुत्र शनिदेव देवों के न्यायधीश, कर्मफलदाता और दंडधिकारी भी हैं, ऐसा कहा जाता है कि जिसके ऊपर शनिदेव की कुपित दृष्टि हो, वह व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है, अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन शनिदेव के लिए व्रत और पूजा जरूर करें।
शनि जन्मोत्सव पर शुभ योगों का होना शुभ है
इस बार की शनि देव जन्मोत्सव बेहद खास माना जा रही है, शनि जन्मोत्सव के दिन इस बार शोभन योग का निर्माण होने जा रहा है, उसी दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में विराजमान होंगे, इससे गजकेसरी योग का निर्माण होगा, शनि अपनी कुंभ राशि में विराजमान होकर शशयोग का निर्माण करेंगे.।
मंत्र जाप, स्तोत्र पाठ और शनि दान शुभ रहेगा
शास्त्रों में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, इन मंत्रों के जाप से शनिदेव प्रसन्न भी होंगे और जीवन के संकट भी दूर होंगे, शनि जन्मोत्सव पर शाम को पश्चिम दिशा की ओर एक दीपक जलाएं, इसके बाद शनि मंत्रों का जाप करे “ॐ शं शनैश्चराय नमः” ॐ प्रां प्रीं प्रों सह: शनये नमः, ॐ नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम” शनि चालीसा, या शनि स्तोत्र का पाठ या मंत्र का जाप करने से भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन शनि देव की वस्तुओं का दान शुभ रहेगा।