चाम्पा जांजगीर

रजनी शर्मा है ब्रम्ह कमल की प्रिय दर्जनों लोगों को बाट चुकी हैं ब्रम्ह कमल की पौधे एवम पुष्प जाने ब्रम्ह कमल के बारे में,,,

रजनी शर्मा है ब्रम्ह कमल की प्रिय दर्जनों लोगों को बाट चुकी हैं ब्रम्ह कमल की पौधे एवम पुष्प जाने ब्रम्ह कमल के बारे में,,, Console Corptech

कैसे हुई थी ब्रह्म कमल की उत्पत्ति : पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्मकमल भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प है। केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिरों में ब्रह्म कमल ही प्रतिमाओं पर चढ़ाए जाते हैं। किवदंति है कि जब भगवान विष्णु हिमालय क्षेत्र में आए तो उन्होंने भोलेनाथ को 1000 ब्रह्म कमल चढ़ाए, जिनमें से एक पुष्प कम हो गया था। तब विष्णु भगवान ने पुष्प के रुप में अपनी एक आंख भोलेनाथ को समर्पित कर दी थी। तभी से भोलेनाथ का एक नाम कमलेश्वर और विष्णु भगवान का नाम कमल नयन पड़ा। हिमालय क्षेत्र में इन दिनों जगह-जगह ब्रह्म कमल खिलने शुरु हो गए हैं।…इसलिए कहा जाता है कि ब्रह्म कमल का फूल विशेष दिनों में केदारनाथ में चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होकर जातक की मनोकामना पूर्ण करते हैं। ये रात में खिलता है और सुबह होते मुर्झा जाता है पौधा लगाने के बाद लगभग चार वर्ष पश्चात इसमें फूल आते है दुर्लभ और महालक्ष्मी को चढ़ने वाला पुष्प ।

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