प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. चुनाव से पहले उनका ये कदम कई सवाल खड़े कर रहा है.पढ़िए पूरी खबर,,,

कारण का खुलासा नहीं
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद फूलोदेवी नेताम ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष नीता डिसूजा को भेज दिया है. हालांकि, अभी तक उनके इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन उनके इस्तीफे से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं |
कौन हैं फूलोदेवी
फूलोदेवी नेताम वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। वह बस्तर संभाग के कोंडागांव की रहने वाली हैं और उनकी गिनती वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में होती है। वह पिछले सात साल से महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं |
क्या फूलोदेवी भी बनेंगी मंत्री?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में भी बदलाव हुआ है. मोहन मरकाम के इस्तीफे के बाद प्रदेश अध्यक्ष की कमान दीपक बैज को सौंपी गई है. इसके बाद डॉ. प्रेमसाय टेकाम की जगह मोहन मरकाम को मंत्री बनाया गया। ऐसे में अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि आदिवासी समुदाय से आने वाली दिग्गज नेता फूलोदेवी को भी भूपेश सरकार में मंत्री पद मिल सकता है |
बस्तर और आदिवासी पर सरकार का फोकस
हाल ही में राज्य में हो रहे राजनीतिक हलचल पर नजर डालें तो साफ है कि राज्य सरकार आदिवासी वर्ग पर फोकस कर रही है. खासकर बस्तर संभाग में, जहां सबसे ज्यादा आदिवासी हैं. मोहन मरकाम, दीपक बैज और फूलोदेवी- तीनों बस्तर संभाग से आते हैं और आदिवासी नेता हैं. राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 12 सीटें बस्तर संभाग के जिलों में आती हैं. बस्तर संभाग हमेशा से कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है.लेकिन आगामी चुनाव में बीजेपी ने आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मुद्दा उठाया है. ऐसे में कांग्रेस अपनी पैठ मजबूत करने के लिए आदिवासी वर्ग और नेताओं पर ज्यादा ध्यान दे रही है |