धार्मिक

चांपा दशहरा उत्सव आयोजन समिति का अनुकरणीय पहल घर घर जा कर शस्त्र और शास्त्र का कर रहे है भेट मनुष्यता और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता होती है। हमारी सत्य सनातन परंपरा ही परित्राणाय च साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम का उद्घोष करती है।

शास्त्र’ ज्ञान और अनुशासन से संबंधित है, जबकि ‘शस्त्र’ हथियार को कहते हैं। शास्त्र जीवन जीने की कला सिखाता है, जबकि शस्त्र जीवन को बचाने  का काम आता है। एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए दोनों ही आवश्यक हैं: शास्त्र नैतिक ज्ञान देता है और शस्त्र दुष्टों से रक्षा करने की शक्ति प्रदान करता है।उक्त बाते आयोजन समिति के संयोजक पंडित पुरूषोतम शर्मा ने कही। चांपा दशहरा उत्सव आयोजन समिति के द्वारा आयोजन मंडल के सदस्य को शस्त्र पूजन के लिए और राम चरित मानस को शास्त्र अध्ययन के लिए भेट किया जा रहा हैं। चांपा नगर के लिए यह एक अनुकरणीय पहल है।

चांपा दशहरा उत्सव आयोजन समिति का अनुकरणीय पहल घर घर जा कर शस्त्र और शास्त्र का कर रहे है भेट मनुष्यता और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता होती है। हमारी सत्य सनातन परंपरा ही परित्राणाय च साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम का उद्घोष करती है। Console Corptech

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