धार्मिक
क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पूज्य गुरु देव पूरी पीठाधीश के कृपा प्राप्त शिष्य पंडित पद्मेश शर्मा द्वारा किया जा रहा है शिव महा पुराण कथा झारसुकड़ा में

शिवमहापुराण की दूसरी संहिता रुद्र संहिता है। रुद्र संहिता के पांच खंड यानि भाग है। प्रथम खंड में बीस अध्याय हैं। दूसरे खंड को सती खंड कहा गया है, जिसमें 43 अध्याय हैं। तीसरा खंड पार्वती खंड है, जिसमें 55 अध्याय हैं। चौथा खंड कुमार खंड के नाम से जाना जाता है, जिसमें 20 अध्याय हैं। इस संहिता का पांचवां खंड युद्ध खंड के नाम से जाना जाता है, इसमें कुल 59 अध्याय हैं। इसी संहिता में ‘सृष्टि खण्ड’ के अन्तर्गत जगत् का आदि कारण शिव को माना गया हैं शिव से ही आद्या शक्ति ‘माया’ का आविर्भाव होता हैं फिर शिव से ही ‘ब्रह्मा‘ और ‘विष्णु‘ की उत्पत्ति बताई गई है।[3] इस पुराण में २४,००० श्लोक है तथा इसके क्रमश: ६ खण्ड है-उक्त जानकारी पंडित पद्मेश शर्मा ने दी ।

