भूमिहीन किसान को न्याय मिलने में इतनी देर क्यों ? सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा ने पूछा प्रशासन और शांति जीडी पॉवर प्लांट महुदा चांपा से,,जन हित में कई बार आंदोलन कर चुके है गनपत शर्मा जमीन दलाल और प्लांट ने जमीन मालिक को अभी तक मुवाजा नही दी ।प्लांट प्रशासन को कर रही है गुमराह पेशी में टाल मटोल जवाब पढ़े पूरी खबर,,,,



भूमिहीन किसान को न्याय मिलने में इतनी देरी क्यों ? यह सवाल सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा ने प्रशासन एवं शांति जीडी चाम्पा से पूछे हैं । 29/8/2023 को तर्क हेतू न्यायालय तहसीलदार के समक्ष शांति जीडी पावर महुदा चाम्पा के जनरल मैनेजर प्रकाश अग्रवाल ने लिखित में बताया कि भूमि अधिग्रहण के समय के किसी भी किसान की जमीन जबरन अधिग्रहण नहीं किया गया था सबकि सहमति एवं रजामंदी के बाद भूमि अधिग्रहित किया गया था एवं गणेश राम चौहान की कृषि भूमि 2010-11 में उचित मुआवजा देकर अधिग्रहण किया गया हैं लेकिन जब तहसील न्यायालय में नायब तहसीलदार के द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत करने को बोला गया तब शांति जीडी के जनरल मैनेजर ने भूमि अधिग्रहण संबंधित दस्तावेज नहीं होने की बात कही । 08/09/2023 को अगली पेशी की तारीख आगे बढ़ाते हुए शांति जीडी पावर प्लांट के जनरल मैनेजर को दस्तावेजों के साथ न्यायालय में उपस्थित रहने को कहा गया था लेकिन 08/09/2023 के पेशी में शांति जीडी पावर प्लांट के जनरल मैनेजर ना खुद आये और ना किसी जिम्मेदार व्यक्ति को पेशी भेजा गया । सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा ने हमे बताया कि 4 माह पूर्व उनके द्वारा गणेशराम चौहान को न्याय दिलाने हेतू शांति जीडी पावर प्लांट महुदा एवं भूमि दलाल नरेद्र साहू ग्राम कुथुर राम जी राठौर ग्राम डेरागढ़ बाराद्वार व गोपी राठौड़ ग्राम फर्सवानी के विरुद्ध जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ धारा 51 के तहत केस दर्ज कराया था आज 4 माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी न्याय के देरी क्यों ? शांति जीडी केस को कमजोर करने के लिए बिना दस्तावेज के न्यायालय में उपस्थित हो जाते तो वही भूमि दलालों को बार बार नोटिस जारी करने के बाद भी उपस्थित नहीं होते । 14 सालों से न्याय की आस लेकर बैठे गणेशराम चौहान की हिम्मत जागी थी लेकिन 4 माह से अगली तारीख पर तारीख मिलने के कारण उसका मन छुब्ध हो रहा हैं इस पूरे प्रकरण में सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा का कहना है कि शांति जीडी की स्थापना के समय भूमि अधिग्रहण के समय भ्रष्टाचार हुआ हैं जिसके कारण शांति जीडी एवं भूमि दलालों को डर सताने लगा है कि भूमि अधिग्रहण की फाइल पुनः खुल ना जाये क्योंकि शांति जीडी की जहाँ प्लांट लगा है वहाँ शासकीय भूमि भी हैं । सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा का कहना है कि गरीब किसान को मुआवजा व रोजगार मिलना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता हैं तो उनके द्वारा उग्र से उग्र आंदोलन किया जाएगा ।